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शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर देय अनुग्रह राशि (अनुदान)) का पुनरीक्षण करने की मांग

भिलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध जिलाध्यक्ष दुर्ग भानुप्रताप यादव ने सचिव छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग (शासकीय कर्मचारी कल्याण शाखा) रायपुर के नाम कलेक्टर महोदय दुर्ग को ज्ञापन पेश किया है कि किसी शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को वेतनमान में बेंड वेतन एवं ग्रेड वेतन के योग के छः माह के बराबर अधिकतम रूपये 50,000/-(अक्षरी पचास हजार रूपये) की सीमा तक अनुग्रह राशि दिये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में प्रदेश के शासकीय सेवकों को सांतवां वेतनमान प्राप्त है।

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग,वल्लभ भवन मंत्रालयः-भोपाल का पत्र क्रमांक एफ 4-12025/नियम/चार भोपाल दिनांक 03 अपैल 2025 के अनुसार शासकीय सेवक की सेवा में रहते हुये मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को मृतक शासकीय सेवक के वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 में देय वेतन के छः गुना के बराबर अधिकतम रूपये 1,25,000/- (अक्षरी एक लाख पच्चीस हजार रूपये) अनुग्रह अनुदान स्वीकृत किया गया है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश से ही पृथक होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन वर्ष 2000 में हुआ है तथा समय-समय पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय सेवकों से हितार्थ लिये जाने वाले निर्णय छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किये जाते रहे है।

मध्यप्रदेश रि-आर्गनाईजेशन एक्ट 2000 सेक्शन 61 के आधार पर मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग,वल्लभ भवन मंत्रालय-भोपाल का पत्र क्रमांक एफ 4-1 2025/नियम/चार भोपाल दिनांक 03 अपैल 2025 के उक्तादेशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवक की सेवा में रहते हुये किसी शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अधिकतम रूपये 1,25,000/- (अक्षरी एक लाख पच्चीस हजार रूपये) अनुग्रह अनुदान स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया है।

 

 

 

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